Thursday, September 26, 2013

Barmer News

भास्कर न्यूज. बाड़मेर किताबी ज्ञान, व्यावहारिक ज्ञान के साथ ब\'चे का संस्कारित होना जरूरी है। समय साक्षी है जब भी राष्ट्र पर विपत्ति आई है। तब महाराणा प्रताप, शिवाजी और महावीर स्वामी जैसे रत्नों ने देश को बचाया है। ब\'चे के मन मस्तिष्क पर जितना माता के संस्कारों का प्रभाव पड़ता है उतना किसी और का नहीं। इसलिए माता अपने ब\'चों को भली भांति संस्कारित करने पर जोर दें। यह बात विद्या भारती द्वारा संचालित आदर्श विद्या मंदिर में आयोजित मातृ सम्मेलन को संबोधित करते हुए साध्वी प्रियरंजना ने कही। उन्होंने कहा कि जहां नारी का मान सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं। सम्मेलन के मुख्य वक्ता विद्या भारती के सदस्य राधेश्याम शर्मा ने कहा कि बालक में संस्कारों का संचार करने का सशक्त माध्यम मां ही है। उसी के दिखाए मार्ग पर चल कर एक बालक जीवन में आनेवाली कठिनाइयों का डटकर सामना करता है। इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता निर्मला सिंघल, विशिष्ट अतिथि कल्पना जैन ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन सुनीता ने किया। इस दौरान तेजराज कपूरिया, हनुमानचंद बोहरा, मनोहरलाल बंसल, रिखबदास बोथरा मौजूद थे। कार्यक्रम में खरतरग\'छ जैन संघ के अध्यक्ष मांगीलाल मालू एवं खेतमल तातेड़ मौजूद थे। bhaskar.com

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